Golden Temple Firing: अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर जिसे सिख धर्म का पवित्र स्थल माना जाता है। आज सुबह करीब 9:30 बजे यहां गोली चलने की घटना हुई। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना ने धार्मिक स्थल की सुरक्षा और उसकी पवित्रता पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। घटना के बाद स्वर्ण मंदिर के अंदर और आस-पास सुरक्षा व्यवस्था पहले की अपेक्षा बढ़ा दी गई है। वहीं दूसरी तरफ प्रशासन की ओर से मामले की जांच भी शुरू कर दी गई है।
जानकारी के मुताबिक सुबह करीब 9:30 बजे सुखबीर सिंह बादल घंटाघर की तरफ श्री हरमंदिर साहिब के गेट के पास मौजूद थे। उसी समय एक शख्स बाहर से आया और उसने जेब से पिस्तौल निकालकर अचानक गोली चला दी। इसके बाद सुखबीर के सुरक्षाकर्मियों ने उसका हाथ ऊपर कर दिया जिससे गोली हवा में चल गई। फिर सुरक्षा कर्मियों ने सुखबीर सिंह बादल को घेरकर उनका बचाव किया और आरोपी को रंगे हाथ दबोच लिया गया।
Golden Temple Firing: मनीष तिवारी ने की सख्त कार्रवाई की मांग
इस मामले पर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कड़ा रोष प्रकट किया। उन्होंने कहा “यह घटना अत्यंत दुखद और निंदनीय है। श्री अकाल तख्त साहिब सिख धर्म के सबसे बड़े धार्मिक संगठन हैं और इस तरह की घटना उनकी पवित्रता को ठेस पहुंचाती है। सुखबीर सिंह बादल अपनी सजा पूरी कर रहे थे, लेकिन उन पर हमला करना पूरी तरह से निंदनीय है। उन्होंने आगे कहा मामले की गहन जांच होनी चाहिए और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।”
मनीष तिवारी ने इस घटना को धर्मस्थल की गरिमा और सुरक्षा के लिए खतरा बताया।
Golden Temple Firing: धार्मिक स्थलों को लेकर उठे कई सवाल
इस घटना ने धार्मिक स्थलों की सुरक्षा पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह सिर्फ स्वर्ण मंदिर तक सीमित नहीं है बल्कि पूरे देश में धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के प्रति सतर्कता बढ़ाने की आवश्यकता को दर्शाता है। सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि धार्मिक स्थलों पर न केवल आस्था का केंद्र होता है बल्कि समाज में शांति और सद्भावना बनाए रखने की जिम्मेदारी भी होती है।
Golden Temple Firing: प्रशासन जांच में जुटी
प्रशासन ने घटना के बाद तुरंत मामले की जांच शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार घटना से जुड़े सभी पहलुओं की गहनता से जांच की जा रही है। इसके अलावा स्वर्ण मंदिर की सुरक्षा बढ़ाने और ऐसे संवेदनशील स्थलों पर सुरक्षा चाक-चौबंद रखने के लिए नई योजनाओं पर काम किया जा रहा है। साथ ही सरकार से भी मांग की जा रही है कि धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त संसाधन मुहैया कराए जाएं।
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